परिकल्पना एवं उद्देश्य
परिकल्पना:
“जिज्ञासा की लौ को प्रज्वलित करने, समग्र विकास को बढ़ावा देने और नवाचार, करुणा और वैश्विक नागरिकता को अपनाने वाले भावी नेताओं का पोषण करने के लिए प्रतिबद्ध एक अग्रणी शैक्षणिक संस्थान की स्थापना करना। हमारा दृष्टिकोण एक जीवंत शिक्षण समुदाय बनाना है जो विविधता का जश्न मनाता है, रचनात्मकता को अपनाता है, और प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने, दुनिया पर गहरा और सकारात्मक प्रभाव डालने का अधिकार देता है।”
उद्देश्य- हमारा मिशन प्रदान करना है
शैक्षिक उत्कृष्टता: उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करें जो छात्रों के बीच अकादमिक उत्कृष्टता, आलोचनात्मक सोच और रचनात्मकता को बढ़ावा दे।
समावेशी वातावरण: एक स्वागत योग्य और समावेशी स्कूल वातावरण बनाएं जो विविधता का जश्न मनाए, व्यक्तिगत मतभेदों का सम्मान करे और समानता को बढ़ावा दे।
समग्र विकास: एक सर्वांगीण पाठ्यक्रम की पेशकश करके छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करें जिसमें शैक्षणिक, कला, खेल और पाठ्येतर गतिविधियाँ शामिल हों।
सामुदायिक जुड़ाव: स्कूल और उसके छात्रों के लिए मजबूत साझेदारी और सहायता प्रणाली स्थापित करने के लिए माता-पिता, अभिभावकों और स्थानीय समुदाय के साथ जुड़ें।
चरित्र निर्माण: चरित्र शिक्षा पर जोर दें और छात्रों को जीवन में सफलता के लिए तैयार करने के लिए उनमें सत्यनिष्ठा, सहानुभूति, जिम्मेदारी और लचीलेपन जैसे मूल्यों को स्थापित करें।
21वीं सदी के कौशल: छात्रों को 21वीं सदी में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और दक्षताओं से लैस करें, जिसमें डिजिटल साक्षरता, संचार कौशल और समस्या-समाधान क्षमताएं शामिल हैं।
निरंतर सुधार: निरंतर विकास और सफलता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षण प्रथाओं, पाठ्यक्रम और स्कूल नीतियों की प्रभावशीलता का नियमित रूप से आकलन और मूल्यांकन करके निरंतर सुधार के लिए प्रतिबद्ध रहें।
सतत प्रथाएँ: पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को लागू करने और छात्रों के बीच पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देकर स्कूल समुदाय के भीतर स्थिरता और पर्यावरणीय प्रबंधन को बढ़ावा देना।
वैश्विक नागरिकता विकसित करें: छात्रों को विविध दृष्टिकोणों, संस्कृतियों और वैश्विक मुद्दों से परिचित कराकर और उन्हें जिम्मेदार और दयालु वैश्विक नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित करके वैश्विक नागरिकता विकसित करें।
छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण: शिक्षा के लिए छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाकर छात्रों की जरूरतों और भलाई को प्राथमिकता दें जो उनकी आवाज, एजेंसी और व्यक्तिगत सीखने की शैलियों को महत्व देता है।